Sunday, March 17, 2013

बदलते आसमाँ के रंग

ख्वाहिशों के बादल आँगन में मंडराते हैं
फ़ूल जैसे तितलियों को पास बुलाते हैं
सहर में बदलते आसमाँ के रंग
ख़ुमार बन तुम्हारी चूड़ियों में खनक जाते हैं..

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