If love story was written on a slate
I could have always changed the date.
When the winds blow in the mountains, they create a music with the river and leaves of deodar, oaks and pines. A man never thinks of poetry, but observes it, feels it. The words do not exist then, only music. The soul of the mountains one cannot capture in pages. I have only tried to write about the music, and a little more from elsewhere. Mountains send the winds to other places too.
Tuesday, July 6, 2010
Hero however
He was a daily labourer with no special powers
a young wife that he married when child
two boys studying at government school.
Did he know he was a hero?
Woshipped in amateur hearts
he carried a world in arms,
smiled at faces held in palms.
a young wife that he married when child
two boys studying at government school.
Did he know he was a hero?
Woshipped in amateur hearts
he carried a world in arms,
smiled at faces held in palms.
Thursday, July 1, 2010
खुद-खुशी
..
झिझकती सतह पे दो-चार सितारे
कठोर वास्तविकता के छुपे इशारे
शहर में कुओं की कमी है थोड़ी
मौत भी रात अब कहां गुज़ारे
दर्द का ज़ख्म से अब रिश्ता ना रहा
घूम रहा बदनाम एक शब्द जो कहा
बंद कमरे में राहत टटोलती ज़िंदगी
ढ़ूंढ़ती है छत पर एक कपड़े की जगह
बेज़ुबान पुल से आंकती गहराई
तराशा था जिसे उस ख्वाब की सच्चाई
जिस्म कुछ देर टहल सकता है हवा में
एक आज़ाद पंछी, ना कोई गवाही
..
झिझकती सतह पे दो-चार सितारे
कठोर वास्तविकता के छुपे इशारे
शहर में कुओं की कमी है थोड़ी
मौत भी रात अब कहां गुज़ारे
दर्द का ज़ख्म से अब रिश्ता ना रहा
घूम रहा बदनाम एक शब्द जो कहा
बंद कमरे में राहत टटोलती ज़िंदगी
ढ़ूंढ़ती है छत पर एक कपड़े की जगह
बेज़ुबान पुल से आंकती गहराई
तराशा था जिसे उस ख्वाब की सच्चाई
जिस्म कुछ देर टहल सकता है हवा में
एक आज़ाद पंछी, ना कोई गवाही
..
तमन्ना
..
शाम की बारिश में संग घूम लें
बूंदों को बटोरें, बादल चूम लें
भीगे-भीगे से लम्हों में झूम लें
उछल के ख्वाहिशों के गुच्छे तोड़ लें
आज़माईश है किस्मत तो ज़रा हाथ मरोड़ लें
खुशियों को अपनी साथ-साथ जोड़ लें
रंग-बिरंगे पन्नों से इश्तहार काट लें
खट्टी है ज़िंदगी अचार चाट लें
चलो आज थोड़ा-सा खुमार बांट लें
..
शाम की बारिश में संग घूम लें
बूंदों को बटोरें, बादल चूम लें
भीगे-भीगे से लम्हों में झूम लें
उछल के ख्वाहिशों के गुच्छे तोड़ लें
आज़माईश है किस्मत तो ज़रा हाथ मरोड़ लें
खुशियों को अपनी साथ-साथ जोड़ लें
रंग-बिरंगे पन्नों से इश्तहार काट लें
खट्टी है ज़िंदगी अचार चाट लें
चलो आज थोड़ा-सा खुमार बांट लें
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